Sunday, March 26, 2023

PRICE ACTION

 










































Poem on dogs

 Dogs


Dogs are man's best friend,


Loyal and true until the very end.


With wagging tails and wet noses,


They bring joy wherever they go, in doses.


Their barks can be loud,


But their love is always proud.


They comfort us when we're sad,


And make us laugh when we're mad.


From small Chihuahuas to giant Great Danes,


All dogs have their own unique reigns.


They run, they jump, they play,


And always brighten up our day.


So here's to dogs, our faithful companions,


May their love and loyalty never abandon.


For they truly are a treasure,


And bring us endless pleasure.

Poem for my daughter

 

Poem for my daughter 

My dearest daughter, you light up my life,

With your smile so bright and your heart so kind.

You are a true blessing, my pride and joy,

A precious treasure that I'll always hold.

From the moment you were born, you stole my heart,

With your tiny fingers and your precious start.

Watching you grow has been a delight,

Seeing you learn, and laugh, and take flight.

You're growing up so fast, my little girl,

Soon you'll be out in the world, taking on the swirl.

But no matter where life takes you, always remember,

That you are loved, and you are a true wonder.

So keep shining bright, my beautiful daughter,

And never forget, you are a force of nature.

I'll always be here, cheering you on,

And forever grateful, that you are my daughter, my bond.

Poem jainefer 

Jennifer, my sweet and lovely girl,

With a heart so pure and a spirit that twirls.

You light up my world with your laughter and smile,

And make every moment worthwhile.

From the day you were born, you brought us joy,

Our little angel, our precious little toy.

Watching you grow has been a delight,

A journey of wonder, a beautiful sight.

With every step you take, you amaze us more,

Your determination and strength, leave us in awe.

You have a heart of gold, and a soul so bright,

That shines like a star in the darkest of nights.

So Jennifer, my dear daughter, hold your head high,

And never forget that you can reach for the sky.

For you are capable of achieving anything,

Just spread your wings and soar, with your heart that sings.

Poem for my daughters Jennifer Saha and Nimisha Parth:

Jennifer Saha, my little star,

You light up my world, near and far.

With your smile so bright, and your heart so true,

You bring joy to everything that you do.

Nimisha Parth, my sweet angel,

Your gentle spirit, is truly special.

With your kindness and grace, you touch our souls,

And make our hearts feel whole.

Jennifer Saha, with your determination and drive,

You can conquer anything, and truly thrive.

Nimisha Parth, with your intelligence and wit,

You can achieve anything, and never quit.

Together you are a force, to be reckoned with,

A duo that can conquer any myth.

Jennifer Saha and Nimisha Patth, my precious gems,

May your lives be filled with love, laughter, and endless gems.

Wednesday, March 8, 2023

pH मान [ pH value ]

  ​​✅ pH मान [ pH value ]  


     


▪️ जल का pH मान कितना होता है = 7




▪️ दूध का PH मान कितना होता है = 6.4




▪️ सिरके का PH कितना होता है = 3




▪️ मानव रक्त का pH मान = 7.4




▪️ नीबू के रस का pH मान = 2.4 




▪️ NaCl का pH मान = 7




▪️ pH पैमाने का पता किसने लगाया = सारेन्सन ने




▪️ अम्लीय घोल का pH मान कितना होता है = 7 से कम




▪️ उदासिन घोल का pH मान = 7


 


▪️ शराब का pH मान = 3.5




▪️ मानव मूत्र का pH मान = 4.8 - 8.4




▪️ समुद्री जल का pH मान = 8.1




▪️ आँसू का pH मान = 7.4 




▪️ मानव लार का pH मान = 6.5 - 7.5




*More : www.crazyexam.in*

एक कहानी ये भी जो दूसरों के लिए सोचता है, ईश्वर उसके लिए सोचता है।

 *जो दूसरों के लिए सोचता है, ईश्वर उसके लिए सोचता है।*



एक माँ थी उसका एक बेटा था। माँ-बेटे बड़े गरीब थे। एक दिन माँ ने बेटे से कहा - *"बेटा !! यहाँ से बहुत दूर तपोवन में एक दिगम्बर मुनि पधारे हैं वे बड़े सिद्ध पुरुष हैं और महाज्ञानी हैं। तुम उनके पास जाओ और पूछो कि हमारे ये दु:ख के दिन और कब तक चलेंगे। इसका अंत कब होगा।"* 


बेटा घर से चला। पुराने समय की बात है, यातायात की सुविधा थी नहीं । वह पद यात्रा पर था। चलते-चलते सांझ हो गई। 


गाँव में किसी के घर रात्रि विश्राम करने रुक गया। सम्पन्न परिवार था। सुबह उठकर वह आगे की यात्रा पर चलने लगा तो घर की सेठानी ने पूछा - *"बेटा कहाँ जाते हो ?"* 


उसने अपनी यात्रा का कारण सेठानी को बताया। तो सेठानी ने कहा - *"बेटा एक बात मुनिराज से मेरी भी पूछ आना कि मेरी यह इकलौती बेटी है, वह बोलती नहीं है। गूंगी है। वह कब तक बोलेगी ? तथा इसका विवाह किससे होगा ?"* 


उसने कहा - *"ठीक है।"* और वह आगे बढ़ गया। 

    

रास्ते में उसने एक और पड़ाव डाला। अबकी बार उसने एक संत की कुटिया में पड़ाव डाला था। विश्राम के पश्चात्‌ जब वह चलने लगा तो उस संत ने भी पूछा - *"कहाँ जा रहे हो ?"*


उसने संत श्री को भी अपनी यात्रा का कारण बताया। 


संत ने कहा - *"बेटा! मेरी भी एक समस्या है, उसे भी पूछ लेना। मेरी सम्रस्या यह है कि मुझे साधना करते हुए 50 साल हो गये। मगर मुझे अभी तक संतत्व का स्वाद नहीं आया। मुझे कब संतत्व का स्वाद आयेगा, मेरा कल्याण कब होगा। बस इतना सा पूछ लेना।"* 


युवक ने कहा - *ठीक है।* और संत को प्रणाम करके आगे चल पड़ा। 


 युवक ने एक पड़ाव और डाला। अबकी बार का पड़ाव एक किसान के खेत पर था। रात में चर्चा के दौरान किसान ने उससे कहा *"मेरे खेत के बीच में एक विशाल वृक्ष है। मैं बहुत परिश्रम और मेहनत करता हूँ, लेकिन उस बड़े वृक्ष के आस-पास दूसरे वृक्ष पनपते नहीं हैं। पता नहीं क्या कारण है।"* 


किसान ने युवक से कहा - *"मेरी भी इस समस्या का समाधान पूछ लेना।"* युवक ने स्वीकृति में सिर हिला दिया और सुबह आगे बढ़ गया। 


अगले दिन वह मुनिराज के चरणों में पहुँच गया। मुनिराज के दर्शन किये। दर्शन कर उसने अपने जीवन को धन्य माना। मुनिराज से प्रार्थना की कि *"प्रभु! मेरी कुछ समस्याएं हैं, जिनका मैं समाधान चाहता हूँ। आप आज्ञा दें तो श्री चरणों में निवेदन करूं।"* मुनि ने कहा - *"ठीक है !! मगर एक बात का विशेष ख्याल रखना कि तीन प्रश्न से ज्यादा मत पूछना। मैं तुम्हारे किन्हीं भी तीन प्रश्नों का ही समाधान दूंगा। इससे ज्यादा का नहीं।* 

                                                                                *युवक तो बड़े धर्म-संकट में फैंस गया। अब क्या करूं, प्रश्न तो चार हैं. तीन कैसे पूछूं। तीन प्रश्न दूसरों के हैं और एक प्रश्न मेरा खुद का है। अब किसका प्रश्न छोड़ दूं। क्या लड़की का प्रश्न छोड़ दूं ? नहीं, यह तो ठीक नहीं है, यह उसकी जिन्दगी का सवाल है। तो क्या महात्मा के प्रश्न को छोड़ दूं ? यह भी नहीं हो सकता। तो क्या किसान का प्रश्न छोड़ दूं ? नहीं, यह भी ठीक नहीं है। बेचारा खून-पसीना एक करता है, तब भी उसे कुछ भी नहीं मिलता है। अंत में काफी उहापोह के बाद उसने तय किया कि वह खुद का प्रश्न नहीं पूछेगा। उसने अपना प्रश्न छोड़ दिया और शेष तीनों प्रश्नों का समाधान लिया और वापिस अपने घर की ओर चल दिया।*

  

रास्ते में सबसे पहले किसान से मुलाकात हुई। किसान से युवक ने कहा - *"मुनिराज ने कहा है - कि तुम्हारे खेत में जो विशाल वृक्ष है, उसके नीचे चारों तरफ सोने के कलश दबे हुए हैं। इसी कारण से तुम्हारी मेहनत सफल नहीं होती है।"* 


किसान ने वहाँ खोदा तो सचमुच सोने के कलश निकले। किसान ने कहा - *"बेटा यह धन-सम्पदा तेरे कारण से निकली है। इसलिए इसका मालिक भी तू है।"* और किसान ने वह सारा धन उस युवक को दे दिया। 


युवक आगे बढ़ा। अब संत के आश्रम आया। संत ने पूछा - *मेरे प्रश्न का क्या समाधान बताया है।"* 


युवक ने कहा - *"स्वामी जी! माफ करना मुनिराज ने कहा है कि आपने अपनी जटाओं में कोई कीमती  मणि छुपा रखी है। जब तक आप उस मणि का मोह नहीं छोड़ेंगे, तब तक आपका कल्याण नहीं होगा।"* 


साधु ने कहा - *"बेटा तू ठीक ही कहता है, सच में मैंने एक कीमती मणि अपनी जटाओं में छिपा रखी है, और मुझे हर वक्त इसके खो जाने का, चोरी हो जाने का भय बना रहता है। इसलिए मेरा ध्यान भजन-सुमिरण में भी नहीं लगता। ले अब इसे तू ही ले जा, और साधु ने वह मणि उस युवक को दे दी।"*

 

युवक दोनों चीजों को लेकर फिर आगे बढ़ा। अब वह सेठानी के घर पहुँचा। 


सेठानी दौड़ी-दौड़ी आई और पूछा - *"बेटा ! बोल क्‍या कहा है मुनिराज ने।"* 


युवक ने कहा कि माँ जी मुनिजी ने कहा है कि *तुम्हारी बेटी जिसको देखकर ही बोल पड़ेगी, वही इसका पति होगा।"*


अभी सेठानी और युवक की बात चल ही रही थी कि वह लड़की अन्दर से बाहर आई और उस युवक को देखते ही एकदम से बोल पड़ी। 


सेठानी ने कहा - *"बेटा आज से तू इसका पति हुआ।"* मुनिराज की वाणी सच हुई। और उसने अपनी बेटी का विवाह उस युवक से कर दिया।

                                                                                      अब वह युवक धन, मणि और कन्या को साथ लेकर अपने घर पहुँचा। 


माँ ने पूछा - *बेटा तू आ गया। क्या कहा है मुनिश्री ने। कब हमें इन दु:खों से मुक्ति मिलेगी।"* 

बेटे ने कहा - ,*"माँ मुक्ति मिलेगी नहीं, मुक्ति मिल गई। मुनिराज के दर्शन कर मैं धन्य हो गया। उनके तो दर्शन मात्र से ही जीवन के दु:ख, पीड़ाएं और दर्द खो जाते हैं।"* 


माँ ने पूछा - *"तो क्या मुनिराज ने हमारी समस्याओं का समाधान कर दिया है।"* 


बेटे ने कहा - *"हाँ माँ ! मैंने तो अपनी समस्‍या उनसे पूछी ही नहीं और समाधान भी हो गया।"* 


माँ ने पूछा *वो कैसे ?* 


बेटे ने कहा - *माँ मैंने सबकी समस्या को अपनी समस्या समझा तो मेरी समस्या का समाधान स्वत: हो गया। जब दूसरों की समस्या अपनी खुद की समस्या बनने लगती है तो फिर अपनी समस्या कोई समस्या ही नहीं रहती।* 


*जो दूसरों के लिए सोचता है। ईश्वर स्वयं उसके लिए करतें है।*


*शुभ प्रभात। आज का दिन आपके लिए शुभ एवं मंगलकारी हो। होली महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।*

वैज्ञानिक उपकरण एवं उनके उपयोग

 ✍वैज्ञानिक उपकरण एवं उनके उपयोग ✅

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●एक्सिलरोमीटर (Accelerometer) ➠

वाहन की चाल की वृद्धि दर को मापने का यंत्र


●एनिमोमीटर (Anemometer) ➠ वायु की शक्ति और गति मापने का यंत्र


●एपिकायस्कोप (Apicoiscope) ➠ अपारदर्शी चित्रों को पर्दै पर दिखाने का काम आने उपकरण


●एक्युमुलेटर (Accumulator) ➠ विद्युत् ऊर्जा को संचित करने का यंत्र


●एक्टिनोमीटर (Actinometer) ➠ सूर्य किरणों की तीव्रता का निधरिण करने वाला यंत्र


●ऑडियोमीटर (Audiometer) ➠ ध्वनि की तीव्रता मापने हेतु प्रयुक्त यंत्र


●ऑडियोफोन (Audiophone) ➠  सुनने में सहायता के लिये कान में लगाया जाने वाला उपकरण


●एयरोमीटर (Aerometer) ➠ वायु तथा गैसों के भार तथा घनत्व मापने का यंत्र


●अल्टीमीटर (Altimeter) ➠ विमानों की ऊँचाई मापने हेतु प्रयुक्त यंत्र


●एमीटर (Ammeter) ➠ विद्युत्-धारा को एम्पियर में मापने हेतु प्रयुक्त यंत्र


●औरिस्कोप (Auriscope) ➠ कान के आंतरिक भाग के निरीक्षण के लिए प्रयुक्त यंत्र


●एवोमीटर (Avometer) ➠ रेडियो में उत्पन्न दोष का पता लगाने का यंत्र


●बैरोग्राफ (Barograph) ➠ वायुमंडलीय दाब में होने वाले परिवर्तन का ग्राफ अंकित करनेवाला यंत्र


●बैरोमीटर (Barometer) ➠ वायुमंडलीय दाब मापने वाला यंत्र


●बाइनोकुलर्स  (Binoculars) ➠ वस्तुओं को आवर्द्धित कर दिखाने वाला यंत्र


●बोलोमीटर (Bolometer) ➠ ऊष्मीय विकिरण मापने का यंत्र


●कैलीपर्स (Callipers) ➠ बेलनाकार वस्तुओं के अंदर तथा बाहर का व्यास मापने का यंत्र


*More : www.crazyexam.in*